कैसा हो एक अच्छा, प्रभावशाली तथा सफल Logo ? अपने कभी गौर किया कि किसी भी Brand के लिए उनका Logo इतना अहम क्यों होता है या कई बार उन्हें री-ब्राण्डिंग क्यों करनी पड़ती है? किसी भी कंपनी या इकाई के लिए लोगो उनका विशेष पहचान होता है जिसके माध्यम से वह खुद को आम जन के बीच स्थापित करते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक सफल लोगो में किन-किन तत्वों का समावेश होना चाहिए …
एक अच्छे लोगो के लिए निम्न बिन्दुओं पर अवश्य विचार तथा अमल करें.
1. Scalability (अनुमापकता)
लोगो किसी भी आकार का हो – यह सदा स्पष्ट दिखना चाहिए
आपको अपना लोगो किसी भी आकार का कहीं भी प्रयोग में लाना पड़ सकता है. इसलिए इसकी रूप-रेखा वैसी ही रखें जो बड़ा या छोटा करने पर भी आसानी से देखा और पहचाना जा सके. उदाहरण के तौर पर आपके ब्राउज़र में दिख रहा favicon मात्र 16×16 px का है, डेस्कटॉप पर आइकॉन के लिए आपको 32×32 px चाहिए इत्यादि. इसके लिए नीचे लगाये गए विभिन्न आकार के उदाहरण को देखें और गौर करें कि कैसे सभी आकारों में यह सुस्पष्ट दिखता है.
ध्यान रखें कि आपके लोगो में वैसी रेखाएँ या आकृतियाँ न हो जो लोगो के छोटे किये जाने पर ठीक से या बिलकुल ही न दिखें.
अतिरिक्त तथ्य : एप्पल कंपनी के प्रथम लोगो में न्यूटन को सेब के पेड़ के नीचे बैठा दिखाया गया था. लोगो दिलचस्प था परन्तु इसे बाद में इसलिए बदलना पड़ा क्यूंकि इसे छोटा करने पर यह अस्पष्ट लगता था.
2. Reproducibility
एक अच्छा लोगो कहीं भी किसी सामग्री से या वस्तु पर बनाया जाए, यह पूरी तरह पहचान में आना चाहिए
उदहारण के तौर पर आप किसी वाहन कंपनी के लोगो पर गौर करिए, यह चाहे धातु से बना हो चाहे स्टीकर लगा हो, आसानी से पहचाना जा सकता है. वहीं आप किसी परिधान बनाने वाली कंपनी के लोगो पर नज़र डालिये. वह चाहे एम्ब्रायडरी करके बनाया गया हो चाहे स्क्रीन प्रिंटिंग की गयी हो, आप सहजता से उसे पहचान सकते हैं. चॉकलेट पर छपा नाम भी याद करें ! यहाँ तक कि अगर इसे पत्थर पर भी उकेरना पड़े तो इसकी स्पष्ट पहचान हो. इसके लिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लोगो monotone color में भी आसानी से पहचाना जा सके.
अगर आपका लोगो सिर्फ और सिर्फ कंप्यूटर स्क्रीन पर देखा जाना है तब आप अनगिनत रंग उसमे भर सकते हैं, परन्तु उपरोक्त जगह पर प्रयोग में लाने हेतु duotone या monotone लोगो ही सही होता है. इस बात का ध्यान रखें कि प्रयुक्त रंगों की संख्या घटाने पर लोगो के मूल स्वरुप में कोई बदलाव नहीं आना चाहिए. निम्न उदाहरण देखें :
किसी बड़ी कंपनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि एक हो लोगो उनके मूल उत्पाद, वेबसाइट तथा कंपनी के अन्य नोवेल्टीज (जैसे कर्मचारी टीशर्ट, कॉफ़ी मग, लेटर पैड इत्यादि) पर सामान रूप से दिखे. इसलिए उपरोक्त बिंदु महत्वपूर्ण है.
अतिरिक्त तथ्य : आपके मोबाइल, लैपटॉप , टैबलेट, बिजली उपकरण इत्यादि पर कंपनी का नाम अथवा लोगो सामान्यतः लेज़र द्वारा उकेरा जाता है. इस कार्य में ‘मोनोटोन लोगो’ की ही आवश्यकता होती है.
3. स्टॉक लोगो से परहेज करें
मौलिकता तथा एकल छवि – यह किसी भी लोगो का अभिन्न अंग है
आपको इन्टरनेट पर लोगो या इससे जुड़ी सामग्री मुफ़्त मिल जाती है. परन्तु उसे download करने वाले आप अकेले नहीं होते हैं. क्या करेंगे आप कि अगर किसी अन्य व्यक्ति ने भी उसी आकृति को लेकर अपने कंपनी का लोगो चुना हो. आपका लोगो बिलकुल मौलिक होना चाहिए. इसलिए कोई समानार्थ लोगो या मिलती-जुलती आकृति से बचें. हो सके तो आप इसके लिए किसी प्रोफेशनल डिज़ाइनर की भी मदद ले सकते हैं. यह भी एक तरह का निवेश है जो आपकी इकाई को एक brand image देता है. अनुसरण कर सकते हैं (अत्यधिक फेर बदल के साथ), अनुकरण कदापि न करें.
लोगो बनाने के लिए अगर किसी डिज़ाइनर की सहायता लेना चाहते है तो साफ़ निर्देष दें कि ‘stock logo’ या मुफ़्त संसकरण से परहेज किया जाए.
अतिरिक्त तथ्य : ध्यातव्य है कि हिंदीजंक्शन और amitwrites का लोगो मैंने खुद ही बनाया है.
4. मात्र आकृति या मात्र नाम या आकृति+नाम ?
यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का लोगो चाहते हैं और कहाँ-कहाँ इसे काम में लाना चाहेंगे
मात्र आकृति (Image Logo) : ऐसा बड़े तथा स्थापित ब्राण्ड के साथ होता है जो मात्र आकृति से भी काम चला सकते हैं – जैसे एप्पल. यह इतने प्रसिद्ध होते हैं कि लोग इन्हें देखकर ही इसके नाम जान जाते हैं. अपने उनके मोबाइल या लैपटॉप पर देखा होगा कि वहाँ नाम की जगह बस लोगो ही होता है.
मात्र नाम अथवा शब्द (Name or Text or Textual Logo) : यह दिखता सरल है परन्तु विशेष फॉण्ट और टाइपोग्राफी से इसे बिलकुल अलग दिखाया जा सकता है जो एक brand identity बन सकता है. आप सोनी, पैनासोनिक, कोका कोला इत्यादि लोगो पर गौर करें कि कैसे बिना किसी अन्य आकृति के भी बिलकुल अलग सा दिखता है. कहीं-कहीं इन्हें ही ऐसा रूप दे दिया जाता है जिससे यह शब्दों से बनी आकृतियाँ लगने लगती है. आवश्यकता है रचनात्मक सोच की !
आकृति+नाम (Image plus Name or Hybrid Logo) : इसे hybrid लोगो भी कह सकते हैं जहाँ ब्रांड स्थापित हो जाने पर उपलब्ध स्थान के अनुसार दोनों में से किसी का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह सबसे प्रचलित तरह का लोगो है. जैसे हिंदीजंक्शन का ‘ह’ शब्द अलग से प्रयुक्त होने पर भी हिंदीजंक्शन की ही पहचान कराता है. वहीं मुख्य जगहों पर दोनों का एक साथ होना नए पाठकों या आगंतुकों को इसके नाम से परिचित कराता है. अन्य उदाहरण हैं ट्विटर, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल इत्यादि.
अतिरिक्त तथ्य : कई कंपनियाँ लोगो के साथ-साथ शुभंकर (Mascot) का भी उपयोग करती है जिन्हें अलग अलग मुद्राओं में दिखाकर कोई विशिष्ट प्रस्तुति में लगाया जाता है. जैसे इंडियन एयरलाइन्स का ‘महाराजा’, भारतीय रेल का ‘भोलू’, लिनक्स का ‘पेंगुइन/टक्स’ इत्यादि.
5. लोगो में छुपा सूक्ष्म अर्थ
मौलिक आकृति के साथ अगर आपके लोगो में कोई अर्थ समाहित है तो यह निश्चित प्रभावशाली होगा
कई बार लोगो में किसी छुपे अर्थ का भी समावेश होता है जो उस कंपनी या उससे जुड़ी इकाई के बारे में कुछ कहता है. ऐसे में यह और प्रभावशाली लगता है.
जैसे …
Apple : इसके लोगो में कटे सेब की आकृति कथित रूप से Allan Turing को श्रद्धांजलि है. अन्य स्रोतों के अनुसार यह आदम और ईव की कहानी से भी सम्बन्ध रखता है जहाँ खाया हुआ सेब ज्ञान का प्रतीक है.
Fedex : e और x के बीच की आकृति किसी तीर के जैसी है जो सदा आगे बढ़ने का प्रतीक है.
Amazon : तीर के आकृति की यह मुस्कान a से z तक गयी है जिसका अर्थ है हमारे यहाँ सभी वस्तुएं उपलब्ध है (a to z).
Amitwrites : मैंने अपने नाम के पहले अक्षर को एक कलम का रूप दिया जो ‘writes’ शब्द को इंगित करता है जिसके कारण मेरा परिचय ब्लॉग लेखक के रूप में होता है. यह लिखने-पढ़ने का भी प्रतीक है.
उपरोक्त उदाहरण को समझ आप भी ऐसे लोगो का निर्माण कर सकते हैं जिनका कुछ न कुछ सूक्ष्म अर्थ होता है और आपकी आपकी प्रतिष्ठान या इकाई से संबंध रखता है.
अतिरिक्त तथ्य : कई कंपनियाँ लोगो के लिए ‘ambigram’ विधा का प्रयोग करती है जो इसे और रोचक बनाता है. ऐसे लोगो की विशेषता यह होती है कि उन्हें उल्टा-सीधा देखने पर भी समान ही दिखता है. जैसे सन माइक्रोसिस्टम, न्यू मैन इत्यादि.
6. लोगो का रंग
कोई भी रंग मनोस्थिति, आदर्श, सिद्धांत इत्यादि का सूचक है – इसका उचित प्रयोग करें
आपके लोगो के रंगों का चुनाव भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है. जैसा कि हम जानते हैं कि सभी रंग किसी न किसी मूड या भाव-दशा का सूचक होते हैं.
उदारहरण के तौर पर लाल ऊर्जा का सूचक है, पीला आशावादिता का, हरा पर्यावरण सम्बन्धी इत्यादि. आप अपने प्रतिष्ठान या कंपनी के मूल मंत्र के अनुसार ही इसका चुनाव करें या इसे प्राथमिकता दें. इसके लिए निम्न ‘color guide’ का इस्तेमाल करें.
अतिरिक्त तथ्य : लोगो किसी भी रंग का हो, परन्तु इसे पूर्णतः काले रंग में बनाकर अवश्य देखा जाता है. कारण जानने के लिए बिंदु नंबर २ को फिर से पढ़ें.
7. अविस्मरणीय आकृति
जब स्मरणशक्ति की बात आती है तो मानव मस्तिष्क में ‘पिक्टोरिअल मेमोरी’ अहम भूमिका निभाती है
“पापा पीला M वाले रेस्तरां में चलिए न”
मॉल में चहकते इस बच्चे की बात कानों में पड़ी तो समझ गया कि वह McDonalds रेस्तरां जाने को कह रहा है. आप इस बात पर गौर करें कि यहाँ नाम लिए बिना बच्चे ने कथित रेस्तरां के बारे कह डाला. परन्तु यही कोई विवरण में न आने वाली आकृति होती तो बच्चा या तो नाम लेता या लोग उसे भूल सकते हैं. अपने लोगो की भी आकृति ऐसी ही रखें जो सहसा याद हो जाए और बाद में देखे जाने पर उसकी पहचान हो सके. और अगर कोई बोलकर या उसका विवरण देकर उसे बता सकता है तो यह दूसरी सफलता है जो आम जन के बीच इसे एक स्मरणीय आकृति की तरह स्थापित करता है.
उदाहरण के तौर पर हमारी कक्षा में एक समय Mitsubishi कंपनी की कलम बहुत लोकप्रिय थी. परन्तु इसके नाम का सही उच्चारण शायद ही कोई कर पाता. परन्तु इसके लोगो को देख बच्चे समझ जाते कि यह अमुक ब्राण्ड का पेन है – ‘तीन कोनिया’ वाला !
कई विदेशी ब्राण्ड के साथ ऐसा भी होता है कि लोग उसके नाम या तो सही से पढ़ नहीं पाते या उन्हें इसका सही उच्चारण नहीं पता होता. ऐसे में लोगो या ब्राण्ड की वही आकृति ही पहचान बनकर आती है. वह चाहे फॉक्सवैगन (Volkswagen), बी.एम.वी. (BMW), नाईकी (Nike), डोषे बैंक (Deutsche Bank), वाहवे (Huawei) इत्यादि क्यों न हो !
आप नाम भूल सकते हैं, चित्र याद रह जाते हैं. इसे pictorial memory कहते हैं जो हमारी चेतना में चीर काल तक रहता है. इसलिए अपने लोगो में इस तत्व का ध्यान अवश्य रखें. इसे सरल तथा अविस्मरणीय बनाने का प्रयास करें.
अतिरिक्त तथ्य : आप अगर त्वरित गति से कुछ पढ़ते हैं तो यहाँ शब्दों को आप किसी एक ख़ास आकृति से पहचान कर रहे होते हैं. यह फिर से pictorial memory का ही खेल है जो unconscious तरीके से हमारी सहायता करता है .
और अंत में …
लोगो को महज़ आड़ी-तिरछी रेखाओं के साथ बनी आकृति न समझे. यह आपके ब्राण्ड का अभिन्न अंग होता है जिसे बहुत सोच समझ बनाएं या बनवाएं.
लेख से जुड़े सवाल-जवाब या अपनी प्रतिक्रिया नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य दें !
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नोट : दर्शाए गए लोगो उनसे जुड़े ब्राण्ड की संपत्ति है जिसका सर्वाधिकार सम्बंधित कंपनी के पास सुरक्षित है. हिंदी जंक्शन ने यहाँ इसे उदाहरण के लिए प्रस्तुत किया है और कॉपीराइट हनन को कतई बढ़ावा नहीं देता.
Topics Covered : How to Make a Good Brand Logo, Logo Designing, Logo Design Tips